Bihar Election 2025: 52 सीटें जो पलट सकती हैं पूरा खेल जहां सैकड़ों वोटों में तय हुई थी किस्मत!

- Reporter 12
- 13 Oct, 2025
मोहम्मद आलम
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक है, और राजनीतिक हलकों में फिर वही सवाल गूंज रहा है — क्या वही 52 सीटें इस बार भी तय करेंगी सत्ता की दिशा?
2020 में इन्हीं सीटों पर हार-जीत का फासला 5 हजार वोटों से भी कम था, और नतीजा यही रहा कि एनडीए ने बेहद मामूली बहुमत से सरकार बना ली थी.
2020 की तस्वीर: एनडीए बस “तीन कदम” आगे
पिछले विधानसभा चुनाव में 243 सीटों में से एनडीए ने 125 और महागठबंधन ने 110 सीटें जीती थीं.
बहुमत का आंकड़ा था 122 — यानी नीतीश कुमार की सरकार सिर्फ तीन सीटों के अंतर से बनी थी.
और दिलचस्प ये कि इन 52 करीबी सीटों ने ही बिहार की सत्ता का पासा पलटा था. इन 52 सीटों पर हुआ था असली युद्ध इनमें से एनडीए ने 24 सीटें और महागठबंधन ने 26 सीटें जीती थीं.2 सीटें निर्दलीयों के खाते में गई थीं.एनडीए में जेडीयू को 13, भाजपा को 9, वीआईपी और हम को एक-एक सीट,महागठबंधन में राजद को 15, कांग्रेस को 9, वाम दलों को 3 सीटें मिली थीं.हर वोट यहां “सोने से ज्यादा कीमती” साबित हुआ था.जब जीत और हार में फासला था बस दर्जनों वोटों का
हिलसा (नालंदा): जेडीयू उम्मीदवार ने सिर्फ 12 वोटों से जीत दर्ज की थी.
बरबीघा (शेखपुरा): 133 वोटों का फासला.रामगढ़: आरजेडी को 189 वोटों से जीत.भोरे (आरक्षित): जेडीयू आगे रही सिर्फ 462 वोटों से.
डेहरी: आरजेडी ने 464 वोटों से बढ़त ली.बछवाड़ा: भाजपा ने 484 वोटों से जीत पाई.चकाई: निर्दलीय प्रत्याशी ने मात्र 581 वोटों से इतिहास रच दिया.यानी, कुछ सीटों पर तो एक बूथ का रुझान पूरी तस्वीर बदल गया था.
कौन जीतेगा इस बार?
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि ये 52 सीटें ही 2025 में भी सत्ता की चाबी बनेंगी.क्योंकि बिहार की राजनीति अब “स्विंग सीटों” पर निर्भर है,जहां हर चुनाव में पेंडुलम की तरह जनता का मूड बदलता है.
जो भी गठबंधन इन सीटों को साध लेगा, राज्य की कुर्सी उसी के पास होगी.संकेत साफ हैं, बिहार में जंग सिर्फ 243 सीटों की नहीं, बल्कि इन 52 सीटों की है.यहां हार नहीं, आधा वोट भी जीत का फरमान लिख सकता है.
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